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इन दिनों टीचिंग का प्रोफेशन युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सैलरी भी काफी बढ गई है। यदि अच्छी सैलरी के साथ ही समाज में प्रतिष्ठा चाहते हैं, तो लेक्चरर बनना आपके लिए बेस्ट है। लेकिन कॉलेजों में लेक्चरर या रीडर बनने के लिए आपको सीएसआईआर द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होगी। हाल ही में लेक्चररशिप पद की पात्रता प्राप्त करने के लिए सीएसआईआर यानी कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तथा परीक्षा की तिथि 19 दिसंबर, 2010 है।
जेआरएफ और नेटइस परीक्षा में एक परीक्षा के माध्यम से दो तरह की मेरिट लिस्ट बनाई जाती है। जो साइंस के स्टूडेंट्स इस परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाते हैं, उनकी मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और इनमें से कुछ को जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ और शेष को नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए चुना जाता है। जेआरएफ में चुने गए स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है, जबकि नेट क्वालीफाई को स्कॉलरशिप नहीं दी जाती। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले स्टूडेंट्स ही लेक्चरर या रीडर पद के योग्य होते हैं।
शैक्षिक योग्यता
सामान्य अभ्यर्थियों के लिए संबंधित विषय में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से साइंस विषयों यानी कि केमिकल साइंस, अर्थ एटमॉस्फेरिक ओशन ऐंड प्लानैटेरी साइंसेज, लाइफ साइंस, मैथेमेटिकल साइंसेज और फिजिकल साइंसेज में पीजी अनिवार्य है। इस परीक्षा के लिए आरए यानी कि रिजल्ट अवैटेड कैंडिडेट भी आवेदन कर सकते हैं। एससी, एसटी तथा समाज के विकलांग व्यक्तियों के लिए 50 प्रतिशत अंकों से स्नातकोत्तर होना जरूरी है।
उम्र सीमा
एलएस यानी कि लेक्चरर पद की पात्रता प्राप्त करने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा का कोई बंधन नहीं है, वहीं जेआरएफ के लिए उम्र सीमा सामान्य उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 19 और अधिकतम 28 वर्ष है, जबकि एससी, एसटी तथा विकलांग व्यक्तियों को अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान है।
परीक्षा का स्वरूप
चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होगी। इसमें दो प्रश्नपत्र होंगे। दोनों पेपर दो-दो सौ अंकों के होंगे। प्रत्येक पेपर के लिए ढाई घंटे निर्धारित किए गए हैं। जो अभ्यर्थी प्रथम प्रश्नपत्र में सीएसआईआर द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंक लाने में सफल होंगे, उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे पेपर का मूल्यांकन किया जाएगा।
प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी
प्रथम चरण के पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। इसमें अवेयरनेस ऑफ जेनरल साइंस, एप्टीट्यूड ऑफ साइंटिफिक ऐंड क्वांटेटिव रीजनिंग और कम्प्यूटर से संबंधित प्रश्न होते हैं। इसकी तैयारी के लिए एनसीईआरटी की ग्यारहवीं और बारहवीं के साइंस पुस्तकों का गहन अध्ययन करें। यदि आप बेहतर तैयारी करते हैं, तो इसमें से बीस प्रश्न आसानी से बना सकते हैं। अपने विषय की तैयारी के लिए सबसे पहले महत्वपूर्ण अध्याय को एक जगह नोट कर लें। इस लिस्ट में उन्हीं को शामिल करें, जिससे हर वर्ष या सर्वाधिक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यदि चाहें, तो इस संबंध में सीनियर्स या कोचिंग की मदद ले सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि प्रथम पेपर क्वालीफाइंग होने के कारण स्टूडेंट्स इसकी तैयारी गंभीरता से नहीं करते हैं। यदि आपको इस परीक्षा में सफल होना है, तो दोनों पेपर की तैयारी गंभीरता से करनी होगी। आपके लिए बेहतर होगा कि पिछले पांच वर्षो के प्रश्नपत्रों को लें और देखें कि किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यह कहना है इनमास डीआरडीओ के साइंटिस्ट सतीश चंद्रा का। यदि टेक्नोसेवी हैं, तो कम्प्यूटर से भी प्रश्नों को डाउनलोड कर सकते हैं।
सब्जेक्ट है अहम
दूसरा पेपर सब्जेक्ट से संबंधित होता है। इसके अंक मेरिट लिस्ट निर्धारित करते हैं। यह पीजी स्तर का होता है। इस कारण जिस विषय से आप एमएससी हैं, उसके सिलेबस और विषय की समझ तो आपको पहले से ही होगी। अब सिर्फ आपको इस परीक्षा को ध्यान में रखकर तैयारी करनी है। बेहतर स्ट्रेटेजी यह होगी कि आप प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें। उसके बाद संक्षिप्त नोट्स बनाएं और उसी को बार-बार पढें। इस तरह की रणनीति अपनाने से फायदा यह होगा कि आप कम समय में बेहतर तैयारी कर पाएंगे और परीक्षा के समय बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बाजार में इसके लिए नोट्स भी मिलते हैं। यदि आप चाहें, तो इसकी भी सहायता ले सकते हैं। परीक्षा हॉल में टू द प्वाइंट उत्तर लिखने के लिए आप जिस प्रश्न का उत्तर देना चाहते हैं, उसका सबसे पहले एक रफ कॉपी में यह लिख लें कि मुझे इन्हीं प्वॉइंट्स के भीतर प्रश्नों का उत्तर देना है। इससे आप भटकाव से बच जाएंगे। ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों में अभ्यर्थियों के समक्ष तीन तरह के प्रश्न रहते हैं। पहला-आसान, दूसरा-50-50 और तीसरा लकी। विशेषज्ञों के अनुसार, प्राय: सभी परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान होता है। इस कारण दो विकल्प अपनाना तो कारगर हो सकता है, लेकिन तीसरे विकल्प को अपनाना घातक होता है। परीक्षा में सफल होने के लिए जरूरी है कि दो विकल्पों का ही उपयोग करें। यदि आप इस परीक्षा और सिलेबस के बारे में विस्तृत रूप से जानना चाहते हैं, तो वेबसाइट WWW. csirhrdg.res.in देख सकते हैं।
सीएसआईआर नेट/जेआरएफ परीक्षा
आवेदन की अंतिम तिथि : 31 अगस्त
परीक्षा तिथि : 19 दिसंबर, 2010
वेबसाइट : WWW. csirhrdg.res.in
विजय झा ( दैनिक जागरण )
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