चार्टर्ड अकाउंटेंट इंतजार में हैं नौकरियां
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सीए एक प्रतिष्ठा का जॉब है। इसमें वह सब कुछ है, जो आज का स्टूडेंट्स नौकरी के साथ चाहता है। यही कारण है कि कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इसे प्राथमिकता की सूची में शिखर पर रखते हैं। वेतन के मामले में यह एमबीए से किसी भी सूरत में पीछे नहीं है। अकाउंटिंग का मास्टर कहे जाने वाले इस प्रोफेशनल की पहुंच सभी क्षेत्रों में होती है, इसलिए हर कंपनी इन्हें अपने यहां जॉब पर रखना चाहती है और हर युवा इस कोर्स को करना चाहता है। युवाओं के रुझान का पता इसी से लगाया जा सकता है कि सन 2007 में जहां 2.7 लाख स्टूडेंट्स इसके एग्जाम में शामिल हुए थे, वहीं यह संख्या 2010 में 7.65 लाख हो गई। यदि आप भी सीए बनकर पैसे के साथ समाज में प्रतिष्ठा पाना चाहते हैं, तो यह प्रोफेशन सबसे उपयुक्त साबित हो सकता है।
क्या है सीएसीए संसदीय अधिनियम द्वारा पारित कोर्स है। इसमें रेगुलर क्लास की अनिवार्यता नहीं है। देश में चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स सन 1949 में शुरू किया गया था। यह एक प्रोफेशनल कोर्स है,जिसे चलाने के लिए द चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया का गठन किया गया, जिसका कार्य पाठ्यक्रम चलाने की जिम्मेदारी के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंसी का एग्जाम कराना तथा प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस जारी करना है।
चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा प्रोग्राम
किस तरह की परीक्षा
चार्टर्ड अकाउंटेंसी प्रोग्राम के तीन पार्ट हैं।
कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट (सीपीटी)
इंट्रीग्रेटेड प्रोफे शनल कम्पीटेंस कोर्स (आईपीसीसी)
सीए फाइनल।
अमरजीत चोपडा
प्रेसीडेंट, आईसीएआई, दिल्ली
राकेश दत्ता
हेड फाइनेंस, सकाटा इंक्स इंडिया लि.
के.के. अवस्थी, सीनियर जीएम-कॉरपॉरेट, जेपीएल
चारु अग्रवाल, सीए फाइनल स्टूडेंट्स
जेआरसी टीम ( दैनिक जागरण )
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क्यों है महत्वपूर्ण
अर्थव्यवस्था के विकास में इनका अहम रोल होता है। इसके महत्व का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि अब सीए की पहुंच आईटी सेक्टर के अलावा फाइनेंस, रिस्क ऐंड इंश्योरेंस सर्विस में भी हो गई है। इनकी बढती भूमिका को देखते हुए ही सीए को कंप्लीट बिजनेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर कहा जाता है। किसी कंपनी या बिजनेस को कैसे चलाया जाना चाहिए, इसका प्रबंधन, कानूनी और व्यावसायिक पहलू, योजना और रणनीति, इन सब कामों के लिए सीए की जरूरत पड रही है। सीए ही क्यों
सीआईआरसी के ट्रेजरार और सीए मनु अग्रवाल कहते हैं कि आप लो प्रोफाइल परिवार से हैं या किसी अमीर परिवार से, अगर मेहनत करने की क्षमता रखते हैं तो सीए के रूप में कामयाब हो सकते हैं। यह ऐसा क्षेत्र हैं, जो गरीब और अमीर, दोनों वर्ग के युवाओं को अपने यहां आने का मौका देता है। ग्रामीण हो चाहें शहरी, दोनों जगहों के छात्र यहां अपनी जगह बना सकते हैं। इसकी पढाई की फीस अन्य प्रोफेशनल कोर्स के मुकाबले बहुत कम रखी गई है, लेकिन सीए का करियर किसी भी प्रोफेशन से किसी भी मामले में कम नहीं है। इसके अलावा इस कोर्स की सबसे बडी खासियत यह है कि इसमें कोई बेरोजगार नहीं रहता है और इसे घर बैठकर भी किया जा सकता है। इसमें सैलरी भी काफी होती है। सीए के अगस्त-सितंबर 2010 के कैंपस प्लेसमेंट में तोलाराम कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने तीन स्टूडेंट्स को 21-21 लाख रुपये प्रतिवर्ष दिए थे।क्या है सीए
चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा प्रोग्राम
किस तरह की परीक्षा
चार्टर्ड अकाउंटेंसी प्रोग्राम के तीन पार्ट हैं।
कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट (सीपीटी)
इंट्रीग्रेटेड प्रोफे शनल कम्पीटेंस कोर्स (आईपीसीसी)
सीए फाइनल।
सीपीटी
कॉमन प्रोफेशिएंसी टेस्ट में दो सेशन होते हैं, प्रत्येक सेशन 100 नम्बर का है और हर सेशन में दो सेक्शन होते है। प्रत्येक सेशन के लिए दो घंटे का समय निर्धारित है। प्रश्न ऑब्जेक्टिव ही पूछे जाते हैं तथा मार्किग निगेटिव होती है। सेशन एक के सेक्शन ए में फंडामेंटल ऑफ अकाउंट 60 नंबर का एवं मार्के टाइल लॉ से 40 नम्बर के प्रश्न होते हैं। सेशन द्वितीय के सेक्शन सी एवं डी से जनरल इकोनॉमिक्स 50 नम्बर तथा क्वांटेटिव एप्टीट्यूड से 50 नम्बर के प्रश्न पूछे जाते हैं। पहले सिर्फ बारहवीं पास स्टूडेंट्स को ही इस तरह की परीक्षा देने की अनिवार्यता थी, लेकिन अब सभी स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य है। आईपीसीसी
आईपीसीसी के विषयों को दो समूहों में विभाजित किया गया है। आईपीसीसी परीक्षा के माध्यम से बिजनेस स्ट्रेटेजी, टैक्सेस इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी और ऑडिट के साथ बिजनेस कम्युनिकेशन ज्ञान को भी परखा जाता है। इसके अंतर्गत दो ग्रुप होते हैं। आप चाहें तो दोनों ग्रुप एक साथ दे सकते हैं या एक-एक ग्रुप अलग-अलग दे सकते हैं। आईपीसीसी का एक ग्रुप पास करने के बाद आप आर्टिकलशिप के लिए योग्य जाते हैं। आप चाहें, तो किसी सीए फर्म में आर्टिकलशिप ज्वाइन कर सकते हैं। कहने का आशय यह है कि तीन वर्ष की आर्टिकलशिप ट्रेनिंग करने के बाद ही आप फाइनल परीक्षा में बैठने के लिए योग्य हो सकते हैं। सीए-फाइनल
फाइनल में स्टूडेंटृस को अकाउंटेंसी प्रोफेशन से संबंधित विषयों के एडवांस स्टेज की जानकारी दी जाती है। इसमें विद्यार्थियों को फाइनेंशियल रिर्पोटिंग,फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस मैनेजमेंट इन अकाउंटिंग, ऑडिटिंग ऐंड प्रोफेशनल एथिक्स, इंफॉर्मेशन सिस्टम कंट्रोल ऐंड ऑडिट, प्रिंसपल ऑफ ई गवर्नेस, कॉरपोरेट ऐंड एलाइड लॉ, इंटरनेशनल टैक्सेसन ऐंड वैट आदि से संबंधित ज्ञान का परीक्षण किया जाता है। इसमें भी दो ग्रुप होते हैं और आप चाहें, तो दोनों ग्रुप को एक साथ दे सकते हैं। फाइनल एग्जामिनेशन में कैंडिडेट्स को दो ग्रुपों में आठ प्रश्नपत्र पास करने होते हैं। प्रत्येक प्रश्नपत्र सौ अंक का होता है। अपडेटेड कोर्स है सीए
सीए अब किसी कंपनी के व्यवसाय के बडे से बडे ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा है। पहले उसकी भूमिका अकाउंट संभालने तक ही सीमित थी। आज इसके कोर्स को अपडेट करके कम्प्यूटर ट्रेनिंग, कम्युनिकेशन स्किल और पर्सनेलिटी डेवलपमेंट से भी जोड दिया गया है। इंस्टीट्यूट समय और आवश्यकता के अनुरूप कोर्स में समय-समय पर बदलाव करता रहता है, ताकि स्टूडेंट्स नई-नई जानकारी से अपडेट होते रहें। एक कामयाब सीए बनने के लिए पेशे की अच्छी समझ, कमिटमेंट, गंभीरता, ईमानदारी और खुद को अपडेट करते रहना जरूरी है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानून को भी समझना चाहिए। अमरजीत चोपडा
प्रेसीडेंट, आईसीएआई, दिल्ली
बढ रहा है डुएल डिग्री का महत्व
सीए का प्रोफेशन अपने आप में बेहतर है, लेकिन आजकल हर कंपनियां डुएल डिग्री को वरीयता दे रही है। यही कारण है कि मैंने सीए और एमबीए किया। यदि आपके पास सीए के साथ-साथ मैनेजमेंट या बीकॉम या एमकॉम की डिग्री है, तो आपके लिए बेहतर अवसर हो सकते हैं, क्योंकि इन दिनों कंपनियां ऐसे एम्प्लाई चाहती है, जो हर तरह के काम करने में सक्षम हों। सीए का कोर्स करने के बाद आप किसी भी कंपनी में बतौर फाइनेंस मैनेजर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, फाइनेंशियल एडवाइजर या फाइनेंस डायरेक्टर की हैसियत से काम कर सकते हैं। अकाउंटेंसी, ऑडिटिंग, टैक्सेशन, इंवेस्टीगेशन तथा कंसलटेंसी, इंश्योरेंस, आईटी, पब्लिक फाइनेंस और रिस्क ऐंड इंश्योरेंस सर्विस के क्षेत्र में भी अवसरों की भरमार है। आप किसी भी स्ट्रीम से जुडे हुए हों, यदि रुचि और योग्यता है, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। वर्तमान में आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव एमटेक हैं और देश की अर्थव्यवस्था निर्धारित कर रहे हैं। राकेश दत्ता
हेड फाइनेंस, सकाटा इंक्स इंडिया लि.
परीक्षा की तैयारी में अनुशासन आवश्यक
सीए परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी है कि आप चार से पांच वर्षो के प्रश्नपत्रों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर हल करने की कोशिश करें। बेहतर होगा कि आप घर पर रहकर परीक्षा की तरह प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। इससे आपका कॉन्फिडेंस बढेगा और समय रहते तैयारी भी बेहतर हो जाएगी। इंस्टीट्यूट द्वारा सजेस्टेड आंसर भी मिलते हैं, आप उसका गहराई से अध्ययन करें। फाइनेंस सर्विस और सिस्टम ऑडिट में सीए प्रोफेशनल की काफी मांग है। के.के. अवस्थी, सीनियर जीएम-कॉरपॉरेट, जेपीएल
सिस्टेमेटिक स्टडी जरूरी
चार्टर्ड अकाउंटेंसी के फाइनल वर्ष की परीक्षा दे रही छात्रा चारु कहती हैं कि सीए इतना टफ नहीं, जितना लोगों में इस कोर्स के प्रति भय व्याप्त रहता है। यदि टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखते हुए सिस्टेमेटिक स्टडी की जाए तो तय समय में यह कोर्स पूरा किया जा सकता है। मैं इंटरमीडिएट के बाद इंरोल्ड हुई और 2006 में सीपीटी में ऑल इंडिया में मेरी 8वीं रैंक आई और 2008 में पीसीसी में मुझे 5वीं रैंक मिली। अब फाइनल की परीक्षा दे रही हूं। मेरी यह सफलता केवल सिस्टेमेटिक स्ट्डी का ही परिणाम है। चारु अग्रवाल, सीए फाइनल स्टूडेंट्स
ट्रेनिंग में स्टाइपेंड
तीन वर्ष की ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड दिया जाता है। यह स्टाइपेंड उसी सीए को देना पडता है, जिसके मार्गदर्शन में स्टूडेंट्स प्रैक्टिस करते हैं। इंस्टीट्यूट नॉर्म्स के मुताबिक स्टूडेंट्स को प्रथम वर्ष एक हजार रुपये, दूसरे वर्ष 1250 रुपये एवं तीसरे वर्ष 15 सौ रुपये दिए जाते हैं। 15 दिन का जीएमसीएस कोर्स
स्टूडेंट्स को तीन वर्ष का प्रशिक्षण करने के उपरांत 15 दिनों का जनरल मैनेजमेंट ऐंड कम्युनिकेशन स्किल्स (जीएमसीएस)कोर्स करना पडता है। यह सभी स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य है। इसे इंस्टीट्यूट ही कराता है। इस कोर्स के माध्यम से स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट स्किल्स मजबूत करने की कोशिश की जाती है। सीए के लिए योग्यता
चार्टर्ड अकाउंटेंसी कोर्स करने के लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं उत्तीर्ण होना है। यदि आप ने किसी भी स्ट्रीम से 10+2 किया है या फिर परीक्षाफल आने वाला है तो आप सीपीटी यानि कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट में बैठने की योग्यता रखते हैं। इसके पहले यह नियम था कि ग्रेजुएशन करने के बाद स्टूडेंट्स को सीपीटी नहीं देना पडता था। अब सीपीटी पास करने के बाद ही आईपीसी में बैठने की अनुमति मिलेगी। एग्जाम का समय
आईसीएआई की स्थापना वर्ष 1949 से लेकर वर्तमान समय तक परीक्षा का आकार एवं नेटवर्क खूब बढा है। 1949 में आयोजित पहले एग्जाम में 450 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, जिनकी संख्या बढकर अब एक लाख से कहीं अधिक हो गई है। देश में सीए एग्जामिनेशन 95 शहरों के 173 केन्द्रों पर साल में दो बार मई व नवम्बर में आयोजित किया जाता है। नियमित पढाई जरूरी
यह मेडिकल और इंजीनियरिंग की तरह ही प्रोफेशनल कोर्स है, इसलिए इसे गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए। सीए बनने की चाह रखने वाले को मेहनती और सच्ची लगन वाला होना चाहिए। जो पाठ्यक्रम दिया गया है, उसे पूरी तरह कवर करना चाहिए। संस्थान द्वारा दिए गए स्टडी मैटीरियल का अध्ययन सही तरीके से करना चाहिए। इसमें हर साल बहुत अधिक संख्या में छात्र बैठते हैं, लेकिन बहुत कम स्टूडेंट्स ही सफल हो पाते हैं। इस कारण यह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की अपेक्षा कहीं कठिन है। इसमें हर दिन कंपनी और टैक्स के नियम बदलते रहते हैं। आपको इन सबकी जानकारी होना बेहद जरूरी है। इस परीक्षा में धैर्य की काफी आवश्यकता होती है, क्योंकि आप चाहकर भी सभी परीक्षा की तैयारी एक साथ नहीं कर सकते हैं। आपको आईपीसी पास करने के बाद तीन वर्ष की ट्रेनिंग के बाद ही फाइनल परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलती है। इस कारण इन तीन वर्षो में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के साथ ही अपनी तैयारी को बेहतर शेप देते रहना चाहिए। कुछ स्टूडेंट्स ट्रेनिंग के दौरान रास्ते से भटक जाते हैं और कुछ पैसे के लालच में पढाई बीच में ही छोड देते हैं या तैयारी के लिए उचित समय नहीं दे पाते हैं। इसकी संख्या इस प्रोफेशन में काफी है। आपके लिए उचित यही होगा कि आप सीए में एडमिशन लेने से पहले ही यह निश्चय कर लें कि फाइनल परीक्षा पास करने के बाद ही नौकरी करूंगा। यदि इस तरह की इच्छाशक्ति के साथ-साथ कठिन मेहनत करने की क्षमता भी आप में है, तो आप इस परीक्षा में अवश्य सफल होंगे। किस तरह के कार्य
कुछ समय पहले वैश्विक स्तर पर अपने बिजनेस को विस्तार देते हुए भारती एयरटेल ने साउथ अफ्रीका में अपना कारोबार स्थापित किया तो उसमें अहम प्लेयर के रूप में एक और शख्स का नाम सामने आया। उन्होंने साउथ अफ्रीका में कंपनी का कारोबार आगे बढाने, इसकी संभावनाओं का आकलन करते हुए इस डील को सफल बनाने में अहम रोल अदा किया। यह शख्स दरअसल पेशे से एक सीए है, लेकिन इस तरह के कारोबार में इनकी भी जरूरत पडी। उनकी तरह देश में कई और सीए भी हैं, जो आज अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने में निरंतर सक्रिय हैं। सीए को वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास का सारथी भी कहा जाने लगा है। एक दशक पहले तक सीए का काम खाली अकाउंटिंग तक ही सीमित था, लेकिन जमाना कुछ ऐसा बदला कि बिजनेस के क्षेत्र में होने वाली हर बडी से बडी और छोटी से छोटी डील में वह अहम प्लेयर बन कर उभर रहा है। देश-दुनिया में आए दिन होने वाले व्यवसाय और निरंतर हो रहे आर्थिक विकास में वित्तीय एप्लिकेशन को संभालने और उससे जुडी आवश्यक जानकारी रखने का काम सीए करने लगा है। वह फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन, जिसमें बैलेंस शीट भी शामिल है, को सर्टिफाई करता है। अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने, इससे जुडे सिस्टम का ऑडिट और उसे सर्टिफाई करने का काम उसी के जिम्मे होता है। इसके आधार पर ही कोई कंपनी या सरकारी निकाय अपने आगे के भविष्य के बारे में कोई निर्णय लेती है। अकाउंट और फाइनेंस से हट कर देश में प्रचलित विभिन्न तरह के करों के भुगतान के हिसाब-किताब भी कहीं न कहीं सीए ही देखता है। देश में जन-कल्याण से जुडी कई योजनाएं लाई जा रही हैं, मसलन नरेगा की ही बात करें तो यह हर एक पंचायत से लेकर जिला और राज्य स्तर तक फैला है। इसमें आए दिन अनियमितता की शिकायतें आती रहती हैं। इन सबसे बचने और इस योजना की सफलता का आकलन करने के लिए ऑडिट कराने का भी प्रावधान रखा गया है। ऑडिट करने के लिए यहां भी सीए की जरूरत पडती है। अवसर ही अवसर
वर्ष 2008 के बाद से भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट की मांग बहुत तेजी से बढ रही है। विकसित होती अर्थव्यवस्था में इस पाठ्यक्त्रम की काफी आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आज भारत में किसी भी अन्य प्रोफेशनलों की अपेक्षा सीए की मांग अधिक है। वित्त और लेखा आउटसोर्सिंग की भी यदि बात की जाए तो केपीओ और बीपीओ के बढते बजार में भी चार्टर्ड अकाउंटेंट का अपना अलग ही महत्व है। एक अनुमान के मुताबिक, फिलहाल भारत में प्रतिवर्ष 9000 से 10,000 छात्र सीए की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, जबकि भारत में सीए की मांग इससे कई गुना अधिक है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निजी कंपनियां, बैंक और सरकारी निकाय, सभी को आज सीए की जरूरत पडती है। इसके अलावा पब्लिक अकाउंटिंग के प्रैक्टिशनर के रूप में सीए काम कर सकता है, पार्टनर या स्टाफ मेंबर के रूप में कोई फर्म ज्वॉइन कर सकता है। आयकर, सेवाकर और अप्रत्यक्ष करों की प्रैक्टिस के लिए इनकी जरूरत पडती है। जेआरसी टीम ( दैनिक जागरण )
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