आजकल युवाओं के पास विकल्पों की कमी नहीं है। वे चाहें तो योग्यता के अनुसार विभिन्न प्रकार के कोर्स कर सकते हैं। यदि आपकी इच्छा कुछ अलग तरह का कोर्स करने की है, जिसमें बेहतर सैलरी के साथ रोमांच भी हो, तो ओशनोग्राफी का विकल्प बेहतर है। इन दिनों इससे संबंधित प्रोफेशनल की काफी मांग है।
कोर्स
इसमें यूजी एवं पीजी किया जा सकता है। समुद्र विज्ञान की विभिन्न शाखाओं का विषय के रूप में चयन करके पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। अधिकतर संस्थानों में प्रवेश के लिए अच्छे अंक होना आवश्यक है। शैक्षिक योग्यता
यह फील्ड साइंस के उन स्टूडेंट्स के लिए है जिनकी गणित में अच्छी पकड है। इस फील्ड में 12वीं के बाद भी प्रवेश किया जा सकता है। गोवा यूनिवर्सिटी से समुद्र विज्ञान में बीएससी कर सकते हैं। ओशनोग्राफी में पीजी कोर्स वही कर सकता है जो इसी विषय में स्नातक की योग्यता रखता है। व्यक्तिगत गुण
इस सेक्टर से जुडे लोगों का अधिकतर समय प्रयोगशालाओं और समुद्र के बीच ही बीतता है। वे हर समय समुद्र की गहराइयों में कुछ नया खोजने में लगे रहते हैं। इस कार्य को वही कर सकता है, जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ समुद्री जल एवं हवाओं से होने वाली परेशानियों का सामना करने में भी सक्षम हो। क्या है काम
इसके विशेषज्ञ समुद्र के बहाव की दिशा और दशा, उसके फिजिकल और केमिकल रिएक्शंस, जलवायु परिवर्तन और उसके समुद्री जीवों पर पडने वाले प्रभाव आदि की जानकारी एकत्र करते हैं। इसकी कई फील्ड हैं, जिनमें विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। जैसे- मैरीन बायोलॉजी, जियोलॉजिकल ओशनोग्राफी, फिजिकल ओशनोग्राफी आदि। क्या है ओशनोग्राफी
ओशनोग्राफी के अंतर्गत समुद्र, समुद्र तटीय क्षेत्रों, नदी मुख, तटीय जल, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं और तरंगों आदि का अध्ययन किया जाता है। इस फील्ड में बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेटियोरोलॉजी, जियोलॉजी आदि विज्ञान की कई शाखाओं का उपयोग होता है। यह एक विस्तृत विषय है और इसमें भूगर्भ विज्ञान और मौसम विज्ञान की आवश्यक चीजों के बारे में भी स्टूडेंट को जानकारी दी जाती है। समुद्री विज्ञान की फील्ड में करियर बनाने की चाह रखने वाले इसकी उप शाखाओं समुद्री जीव विज्ञान, भूगर्भ समुद्र विज्ञान, रासायनिक समुद्र विज्ञान आदि में भी भविष्य संवार सकते हैं। चुनौतियों से बढते अवसर
ग्लोबल वार्मिग आज बडी चुनौती के रूप में सामने है। बढते तापमान के कारण हिमग्लेशियरों का पिघलना शुरू हो चुका है और समुद्र के जलस्तर में वृद्घि दिखाई देने लगी है। इस विभीषिका के चलते कुछ छोटे द्वीपों का तो अस्तित्व ही खत्म हो गया है। इस विकराल चुनौती का सामना करने के लिए विश्वस्तर पर शोध किए जा रहे हैं। इस काम के लिए बडी संख्या में समुद्र विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के विशेषज्ञों की आवश्यकता है। इस विषय के अच्छे जानकारों के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थानों के साथ काम करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वार्मिग का संकट दिन प्रतिदिन विकराल होता जा रहा है, ऐसे में आने वाले सालों में भी इस फील्ड के योग्य लोगों के पास बेहतरीन अवसरों की कोई कमी नहीं रहेगी। केमिकल ओशनोग्राफी : इसमें समुद्री जल के संयोजन और उसकी क्वालिटी का आकलन किया जाता है। समुद्र की तलहटी में होने वाले केमिकल रिएक्शन पर नजर रखने के साथ-साथ उस टेक्नोलॉजी की भी खोज की जाती है जिनसे महत्वपूर्ण नई जानकारियां हासिल हो सकती हैं।
जियोलॉजिकल ओशनोग्राफी : जियोलॉजिकल ओशनोग्राफर्स का काम समुद्री जल की ऊपरी तह की वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना और समुद्र की तलहटी में पाए जाने वाले खनिज पदार्थो के बारे में पता लगाना होता है। ये लोग समुद्र के अंदर की चट्टानों के आकार-प्रकार और उनकी उम्र आदि के बारे में भी जानकारियां हासिल करते हैं।
फिजिकल ओशनोग्राफी : यह इस विज्ञान की बहुत महत्वपूर्ण शाखा है। इसमें समुद्र के तापमान, लहरों की गति और चाल, वायु का उस पर पडने वाला असर, ज्वार-भाटा और घनत्व आदि के बारे में अध्ययन किया जाता है। विकासशील देशों में इन प्रोफेशनल्स की विशेष मांग है।
मैरीन बायोलॉजी : मैरीन बायोलॉजिस्ट समुद्री जीवजंतुओं की स्थिति, मानव के लिए उनकी उपयोगिता, जीवजंतुओं की शारीरिक संरचना आदि के बारे में जानकारियां हासिल करते हैं। इन दिनों समुद्र में तेल और गैस के नए भंडारों को खोजने के लिए भी मैरीन बायोलॉजिस्ट की सहायता ली जा रही है। अपने देश में इन दिनों इस प्रोफेशन के लोगों की जबरदस्त मांग है।
रोजगार के अवसर
ओशनोग्राफी से संबंधित विभिन्न कोर्सो को करने के बाद अच्छा रोजगार मिलना लगभग तय हो जाता है। आप इसका प्रशिक्षण लेकर वैज्ञानिक, इंजीनियर या तकनीशियन के रूप में इस क्षेत्र से संबंधित निजी एवं सार्वजनिक कंपनियों में काम कर सकते हैं। इसका प्रशिक्षण पाने के बाद अधिकतर लोग जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ ओशनोग्राफी, ऑयल इंडिया आदि में नौकरी करते हैं। वेतन
यह फील्ड वेतन के मामले में भी बहुत अच्छी है। अगर अच्छी कंपनियों से करियर की शुरुआत होती है तो सैलरी 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक ही होती है, जो कुछ समय के बाद ही इससे कहीं अधिक हो जाती है। इस फील्ड में शोधकार्य के लिए चुने गए लोगों को बहुत अधिक आकर्षक वेतन और सुविधाएं कंपनियां देती हैं। प्रमुख संस्थान
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास गोवा यूनिवर्सिटी, गोवा
उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर
अन्नामलाई विश्वविद्यालय
मंगलौर विश्वविद्यालय, कर्नाटक
बरहामपुर यूनिवर्सिटी, उडीसा
( दैनिक जागरण )
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