बैंकों में बूम बैंकों में बूम बैंकों में बूम
इन दिनों भारतीेय बैंकिंग सेक्टर में नौकरियां ही नौकरियां हैं। देश के सबसे बडे बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वर्ष 2010 में 27 हजार कर्मियों की भर्ती करने की योजना बनाई है, जिसके तहत उसने हाल ही में 4,500 प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। खास बात यह है कि एसबीआई ने पिछले ही साल 25 हजार लोगों को नौकरी दी थी। इसके अलावा कुछ माह पूर्व ही एसबीआई एसोसिएट्स बैंकों में पीओ के लगभग 1700 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इतना ही नहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने भी नौकरियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। एसबीआई लाइफ की भी इस वर्ष 13,000 एजेंट और 200 सेल्स मैनेजरों की भर्ती करने की योजना है। देश की प्रमुख सार्वजनिक बैंकों के अलावा निजी क्षेत्र के बैंक भी भविष्य में नियुक्तियां कर सकते हैं।
अन्य स्वायत्तशासी बैंक
आईडीबीआई बैंक लिमिटेड।
निजी व विदेशी बैंक
देश में कुल 27 निजी क्षेत्र के बैंक तथा कई विदेशी बैंक हैं। निजी बैंक- आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि। विदेशी बैंक-सिटी बैंक, एचएसबीसी आदि।
ग्रामीण व कोऑपरेटिव बैंक
इसमें अधिकांश बैंक केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कोऑपरेटिव बैंक होते हैं, जबकि ग्रामीण बैंक नेशनलाइज्ड बैंकों के ही होते हैं।
बोलते आंकडे
हाल ही में आई मैकिंजी की इंडिया बैंकिंग 2010 रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2001 से भारतीय बैंकिंग सेक्टर 51 प्रतिशत संयोजित वार्षिक दर आगे बढ रहा है, जबकि मार्के ट इंडेक्स 27 प्रतिशत की औसत दर से विकास कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार कुल जीडीपी में बैंकिंग सेक्टर की हिस्सेदारी 7.7 प्रतिशत से अधिक की होगी और बाजार पूंजीकरण लगभग 7,500 अरब रुपये का हो जाएगा। बैंकिंग सेक्टर के ग्रोथ को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में 15 लाख लोगों को नौकरी मिल सकती है। पिछले ही साल देश में सरकारी बैंकों में 50,000 से अधिक लोगों को नौकरी मिली है, जिसमें एसबीआई में 11,000 क्लर्को की भर्ती भी शामिल है। पसंदीदा करियर
सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में बैंकिंग हमेशा से ही युवाओं का पसंदीदा क्षेत्र रहा है। जब कम पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित होती थीं, तब भी युवाओं में इसका खासा क्रेज था। वर्तमान समय में तो बैंकिंग सेक्टर में पदों की संख्या के लिहाज से काफी ज्यादा है। बैंकिंग सेक्टर में कई पदों के लिए भर्तियां होती हैं, जिनमें से प्रोबेशनरी ऑफिसर, स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स एवं क्लर्क के पद प्रमुख हैं। अभ्यर्थी पीओ में भर्ती के बाद शुरू में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में कार्य करता है, लेकिन कुछ ही समय में वह शाखा प्रबंधक बन सकता है। आगे चलकर जनरल मैनेजर, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर या बैंक का चेयरमैन भी हो सकता है। वेतन-भत्तों का आकर्षण
शुरू से ही बैंक के वेतन और भत्ते युवाओं के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रोबेशनरी ऑफिसर का वेतनमान 10,000-18,240 रुपये होता है और कमोबेश स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स का वेतनमान भी पीओ के समान है। वहीं क्लर्क का वेतनमान 4,410-13,210 रुपये है। इसके अलावा कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं। बूम की वजह
सभी बैंक अपनी गतिविधियों में विविधता ला रहे हैं। वे नई-नई सेवाओं की शुरुआत कर रहे हैं, जैसे- क्रेडिट कार्ड, कंज्यूमर फाइनेंस, वेल्थ मैनेजमेंट, लाइफ व जनरल इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, म्यूचुअल फंड्स, पेंशन फंड रेग्युलेशन, स्टॉक ब्रोकिंग सेवाएं, प्राइवेट इक्विटी आदि। इन सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए भी लोगों की आवश्यकता बढ गई है। वर्ष 2002 में बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड (बीएसआरबी) के भंग होने के बाद एक तरह से बैंकिंग सेक्टर में नई नियुक्तियों पर विराम सा लग गया। इसी दौरान वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) को बैंकों में मंजूरी मिलने के बाद भी रिक्त पदों की संख्या बढ गई। इसके अलावा वित्तीय समायोजन के लिए सभी बैंकों को अपनी शाखाएं बढाने की आवश्यकता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए भी यहां लोगों की आवश्यकता है। कुछ माह पूर्व ही देश के सबसे बडे बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी शाखाओं की संख्या दस हजार तक पहुंचा दी। एसबीआई ने नए केंद्रों पर अपनी उपस्थिति बढाने के लिए इस साल एक हजार नई शाखाएं खोलने की योजना बनाई है। इससे बैंक की शाखाओं की कुल संख्या बढकर 13,000 हो जाएगी। इसके अलावा अपने एटीएम की चालू वित्त वर्ष के अंत तक संख्या बढाकर 25,000 करने का लक्ष्य रखा है। जॉब की बहार लाने वाले बैंक
वैसे तो देश में जॉब उपलब्ध कराने वाले बैंकों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अग्रणी हैं, पर निजी बैंक भी आकर्षक पैकेज पर भर्तियां करने में पीछे नहीं हैं : एसबीआई एवं असोसिएट बैंक
इसमें भारतीय स्टेट बैंक व उनके सात सहयोगी बैंक शामिल हैं। सहयोगी बैंक हैं- स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर व जयपुर एवं स्टेट बैंक ऑफ त्रावनकोर। अन्य नेशनलाइज्ड बैंक
इसमें कुल 19 बैंक हैं। इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, देना बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब ऐंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व विजया बैंक। अन्य स्वायत्तशासी बैंक
आईडीबीआई बैंक लिमिटेड।
निजी व विदेशी बैंक
देश में कुल 27 निजी क्षेत्र के बैंक तथा कई विदेशी बैंक हैं। निजी बैंक- आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि। विदेशी बैंक-सिटी बैंक, एचएसबीसी आदि।
ग्रामीण व कोऑपरेटिव बैंक
इसमें अधिकांश बैंक केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कोऑपरेटिव बैंक होते हैं, जबकि ग्रामीण बैंक नेशनलाइज्ड बैंकों के ही होते हैं।
जोश डेस्क
दैनिक जागरण
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